Wednesday, April 22, 2015

मेरे साथी खाली जाम

महफ़िल से उठ  जाने वालों तुम लोगों पर क्या इलज़ाम
तुम आबाद  घरों के वासी मैं आवारा  और बदनाम 
मेरे साथी मेरे साथी मेरे साथी खाली जाम
मेरे साथी खाली  जाम

दो दिन तुमने प्यार जताया दो दिन तुमसे मेल रहा 
अछा खासा वक़्त कटा अछा खासा खेल रहा
(अछा खासा खेल रहा )
अब उस खेल का जिक्र ही कैसा वक़्त कटा और खेल तमाम 
मेरे साथी .... 

तुमने ढूंढी सुख की दौलत मैंने पाला  ग़म का रोग 
कैसे बनता कैसे निभाता ये रिश्ता और ये संयोग 
मैंने दिल को दिल से टोला तुमने मांगे प्यार के दाम 

मेरे साथी मेरे साथी ....... 

तुम दुनिया को बेहतर समझे मैं पागल था ख्वार हुआ 
तुमको अपनाने निकला था खुद से भी बेजार हुआ 
(खुद से भी बेजार हुआ। .)
देख लिया घर फंक तमाशा जान लिया अपना अंजाम 

मेरे साथी  मेरे साथी मेरे साथी खाली जाम  ………
मेरे साथी खाली जाम
मेरे साथी खाली  जाम। .......


………………………।      साहिर लुधियानवी


https://www.youtube.com/watch?v=xZ0Bc7zfkIo

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