महफ़िल से उठ जाने वालों तुम लोगों पर क्या इलज़ाम
तुम आबाद घरों के वासी मैं आवारा और बदनाम
मेरे साथी मेरे साथी मेरे साथी खाली जाम
मेरे साथी खाली जाम
मेरे साथी खाली जाम
दो दिन तुमने प्यार जताया दो दिन तुमसे मेल रहा
अछा खासा वक़्त कटा अछा खासा खेल रहा
(अछा खासा खेल रहा )
(अछा खासा खेल रहा )
अब उस खेल का जिक्र ही कैसा वक़्त कटा और खेल तमाम
मेरे साथी ....
तुमने ढूंढी सुख की दौलत मैंने पाला ग़म का रोग
कैसे बनता कैसे निभाता ये रिश्ता और ये संयोग
मैंने दिल को दिल से टोला तुमने मांगे प्यार के दाम
मेरे साथी मेरे साथी .......
तुम दुनिया को बेहतर समझे मैं पागल था ख्वार हुआ
तुमको अपनाने निकला था खुद से भी बेजार हुआ
(खुद से भी बेजार हुआ। .)
देख लिया घर फंक तमाशा जान लिया अपना अंजाम
मेरे साथी मेरे साथी मेरे साथी खाली जाम ………
मेरे साथी खाली जाम
मेरे साथी खाली जाम। .......
………………………। साहिर लुधियानवी
https://www.youtube.com/watch?v=xZ0Bc7zfkIo
Video here
मेरे साथी खाली जाम
मेरे साथी खाली जाम। .......
………………………। साहिर लुधियानवी
https://www.youtube.com/watch?v=xZ0Bc7zfkIo
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